Dil Ko Sukoon Mil Jaye | दिल को सुकून मिल जाए
दिल को सुकून मिल जाए या परवर दिग़ारा
जो तेरा सहारा मिल जाए या परवर दिग़ारा
रह रह के है जो ये ग़म तड़पाए
इस ग़म की बदली को हटा दे या परवर दिग़ारा
टूटे फूल की मानिंद हो गयी है ज़िंदगी मेरी
मालूम नहीं कहाँ रखा जाऊँ ऐसी हालत है मेरी
सारा ज़हान तेरा ये ज़मीन तेरी ये आस्माँ तेरा
कर दे मुझपे भी रहमो-क़रम या परवर दिग़ारा
मिट रही जो हस्ती मेरी उस हस्ती को बचा ले
जलवा अपने नूर का मुझको भी दिखा दे या परवर दिग़ारा
मेरी सोयी हुयी तक़दीर को अब तो जगा दे
मंज़िल से पहले लौटा बार-२ अब मंज़िल से मिला दे
लाख आए तूफ़ाँ पर पीछे ना हटूँ
कुछ ऐसा क़रम हो जाए या परवर दिग़ारा
Written By T.H
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