Rukh se parda hatao to kuchh baat bane
रुख से पर्दा हटाओ तो कुछ बात बने रुख से पर्दा हटाओ तो कुछ बात बने चाँद सा मुखड़ा दिखाओ तो कुछ बात बने ये शर्म-ओ-हया की दीवार गिरावो तो कुछ बात बने दरमियाँ की दूरियां मिटावो तो कुछ बात बने कब तक यूँ खामोश बैठे रहोगे लबों को लबों से मिलाओ तो कुछ बात … Read more