Ye jo sard sard hawayein hain
ये जो सर्द सर्द हवायें हैं ये जो सर्द सर्द हवायें हैं दिल में उठ रही वफ़ायें हैं बहक रहा है ये मन मेरा जबसे देखी तेरी नशीली निगाहें हैं ये जो बिखरे बिखरे तेरे गेशु हैं ऐसा लगता है कि छायी घटाएँ हैं हौले हौले जो तू गुनगुना रही है बड़ी ही सुरीली तेरी … Read more